साहित्य / मीडिया

श्रम का श्रेष्ठ उपयोग करने एवं अनावश्यक बर्बादी से बचाने का एक बेहतरीन तरीका है कि किस समय आप क्या करेंगे, उसकी योजना बनाएं। मगर इसके लिए जरूरी है कि आपके पास कितना समय है, इसका सही निर्धारण कीजिए। साथ ही साथ यह भी ध्यान रहे कि योजना का मतलब यह नहीं कि उसमें कोई लोच न हो।

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आपका चरित्र लोगों को बताता है कि आप क्या है। आपका चरित्र ही आपका व्यक्तित्व बताता है। आपको कई बार ऐसे लोग मिले होंगे जो अपने बारे में हांकते तो ज्यादा हैं पर वास्तविकता कुछ और होती है। आपने वह कहावत भी जरूर सुनी होगी कि कुछ देर के लिए तो आप किसी को बेवकूफ बना सकते हैं, पर ज्यादा समय तक आप कोई भी सच्चाई छिपा नहीं सकते।

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नई दिल्ली : उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के दौर में आज हर आदमी स्कैनर के अंदर है। आप अपने लैपटॉप पर गूगल में अपना घर देख सकते हैं। इसने हमारी जिंदगी को और ज्यादा उलझा दिया है और हम इस बड़े बाजार में खो-से गए हैं।

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मैं एक मरती हुई भाषा बोलती हूं (थी!)। मार दी गई भाषा! तुमने कहा था कि तुम कोई भाषा जानते हो जो हमें हमारे गंवारूपन और उज्जड़ता से उबार ले जाएगी। और हम तो तमाम दूरियां लांघ आए जहां तक हमें विकास की दौड़ में पीछे धकेलती हमारी भाषा सुनी या बोली जा सकती थी।

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मुट्ठीभर आसमान और सीमाबद्ध धरती का अक्स समेटे भारतीय स्त्री ने आंगन की भीतियों को लाल गेरू से पोतकर उसपर बड़ा-सा ’स’ लिख दिया।

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  आर्मी कोर्ट रूम में आज एक केस अनोखा अड़ा था! छाती तान अफसरों के आगे फौजी बलवान खड़ा था!! बिन हुक्म बलवान तूने ये कदम कैसे उठा लिया? किससे पूछ उस रात तू दुश्मन की सीमा में जा लिया??

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