लोकसभा चुनाव में धन बल और प्रलोभन पर चुनाव आयोग की दृढ़ एवं ठोस कार्रवाई से एजेंसियों ने ब तक 8,889 करोड़ रुपये की जब्ती की है।
ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों सहित प्रलोभनों के खिलाफ बढ़ी हुई सतर्कता के कारण बड़ी जब्ती और कार्रवाई में निरंतर वृद्धि हो रही है। इनमें मादक पदार्थों की बरामदगी अधिकतम रही है। व्यय निगरानी, सटीक डेटा व्याख्या और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जिलों और एजेंसियों की नियमित अनुवर्ती समीक्षा के कारण 1 मार्च से जब्ती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
Read in English: Election-time seizures to cross Rs.9,000 crores
ड्रग्स, शराब, कीमती धातुएं, मुफ्त उपहार व नकदी अलग-अलग स्तरों पर चुनावों को प्रभावित करती हैं, कुछ सीधे तौर पर प्रलोभन के रूप में प्राप्त होती हैं जबकि अन्य धन के प्रचलन के कम स्तर के माध्यम से प्राप्त होती हैं। इस प्रकार, इन अवैध गतिविधियों से प्राप्त आय को राजनीतिक अभियानों से जोड़ने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
आयोग ने नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों की जब्ती पर विशेष जोर दिया है। मादक पदार्थों की जब्ती में योगदान 3,958 करोड़ रुपये है जो कुल जब्ती का 45 प्रतिशत है।
पिछले पांच चरणों के दौरान चुनाव प्रचार में तेजी को देखते हुए आयोग प्रलोभन के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर कड़ी नजर रख रहा है और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों तथा प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया है।
गुजरात एटीएस, एनसीबी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने संयुक्त अभियानों में केवल तीन दिनों में ड्रग्स की तीन उच्च मूल्य वाली जब्ती की है, जिसकी कीमत 892 करोड़ रुपये है।
हाल ही में, एक संयुक्त बल ने मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका, 'अलराजा' की पहचान की और उसे रोका, जो गुजरात के पोरबंदर के तट से 180 समुद्री मील दूर भारतीय जल में 14 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों को ले जा रही थी। गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की संयुक्त टीम ने लगभग 86 किलोग्राम हेरोइन होने के संदेह में प्रतिबंधित पदार्थों के 78 बक्से बरामद किए, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 602 करोड़ रुपये कीमत है। नाव और चालक दल को आगे की कानूनी प्रक्रियाओं के लिए पोरबंदर लाया गया।
गुजरात एटीएस और एनसीबी की संयुक्त टीमों ने 27 अप्रैल को गुजरात के अमरेली और गांधीनगर, राजस्थान के सिरोही और जोधपुर में एक साथ छापेमारी की और एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक साइकोट्रोपिक पदार्थ मेफेड्रोन के उत्पादन में शामिल अवैध निर्माण इकाइयों को जब्त किया। चल रहे अभियानों में, अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और तरल रूप में कुल 22 किलोग्राम मेफेड्रोन पाउडर और 124 लीटर मेफेड्रोन जब्त किया गया है। जब्त मादक पदार्थ मेफेड्रोन की कुल कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 230 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इसके अलावा, गुजरात एटीसी, भारतीय तटरक्षक बल और एनसीबी ने 60.5 करोड़ रुपये मूल्य की 173 किलोग्राम हशीश को 29 अप्रैल को जब्त किया।
गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी ड्रग्स की बरामदगी हुई है। बीते 17 अप्रैल को नोएडा पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में दवा कारखाने का भंडाफोड़ किया, जिसमें 150 करोड़ रुपये मूल्य की 26.7 किलोग्राम एमडीएमए दवा जब्त की गई और विदेशी मूल के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया।
ध्यान रहे, एजेंसियों को प्रेरित करने और एक सक्रिय इंटरफ़ेस रखने की प्रक्रिया साल 2023 की अंतिम तिमाही के दौरान पूरी शक्ति के साथ शुरू हुई थी। कैलेंडर वर्ष के पहले दो महीनों में ही 6,760 करोड़ रुपये की नशीले पदार्थ जब्त किए गए।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान ड्रग्स के खिलाफ प्रहार में योगदान करने की आयोग की प्रतिबद्धता ने पिछले कुछ वर्षों में गति पकड़ी है।






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