बात उस समय की है जब सुप्रसिद्ध विज्ञान गल्प लेखक एचजी वेल्स अपनी टाइम मशीन जैसी विज्ञान गल्पों के दम पर अपार लोकप्रियता अर्जित कर चुके थे। उसी दौरान एक युवती को उनका साक्षात्कार लेने के लिए कहा गया। वह युवती उस साक्षात्कार के जरिए अपना पत्रकारिता जीवन शुरू ही करने वाली थी।
युवती ने वेल्स से पूछे जाने वाले सभी सवाल बना लिए थे और पूरी तैयारी के साथ उनसे मिलने पहुंच गई। वेल्स उस समय एक होटल में ठहरे हुए थे।
इतने बड़े लेखक के सामने जाने में उसे बड़ी घबराहट हो रही थी। घबराहट के साथ उसने कमरे के दरवाजे पर थपकी दी। वेल्स ने खुद कमरा खोला और आगंतुक की और देखते हुए पूछा- कहिए? युवती के मुंह से अचानक निकल गया, नमस्कार, मैं एचजी वेल्स हूं। जब तक उसे अपनी गलती का अहसास होता, वेल्स मंद-मंद मुसकान के साथ बड़ी मधुरता से बोले, कितनी प्रसन्नता की बात है कि आप मेरी हमनाम हैं। आइए, अंदर बैठकर बातें करें।
वेल्स के इस व्यवहार से उसका डर जाता रहा। थोड़ी ही देर में वह एकदम सामान्य हो गई और वेल्स से उसने बेहतरीन साक्षात्कार लिया।
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