जॉन मिल्टन ने यूं जताया फूल के कांटों का अहसास...


महाकवि जॉन मिल्टन की पत्नी एक बहुत खूबसूरत महिला थीं लेकिन खूबसूरत होने के साथ ही वह बेहद झगड़ालू भी थीं। बात-बेबात उनका किसी से भी क्रुद्ध हो जाना मामूली बात था। अड़ोसी-पड़ोसियों से भी उनका झगड़ा चलता ही रहता था।

एक बार उनके एक घनिष्ठ मित्र ने उनकी पत्नी की खूबसूरती की तारीफें करते हुए उन्हें ऐसी पत्नी पाने की बधाई दी और कहा कि आप बहुत खुशनसीब हो और आपकी पत्नी तो बिल्कुल किसी गुलाब के फूल की तरह हैं।

यह सुनकर जॉन मिल्टन शांत मन से तुरंत बोले, प्रिय मित्र, मैं उस गुलाब के फूल का रंग तो नहीं देख सकता हूं, लेकिन उसके कांटों की चुभन जरूर रोजाना महसूस करता रहता हूं।

ध्यान रहे, महाकवि मिल्टन आंखों से देख नहीं पाते थे।



Related Items

  1. दांपत्य में दरार, क्या महिला सशक्तिकरण है जिम्मेदार…!

  1. मंदिरों में महिला पुजारियों की भी हो नियुक्ति

  1. महिला सशक्तिकरण में मददगार बन सकती है महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा




Mediabharti