नहर प्रणाली के पुनर्संरक्षण की है सख्त जरूरत

आगरा : यमुना बेसिन की छोटी नदियों द्वारा पोषित आगरा की विकसित और विस्तृत नहर प्रणाली और जिले में नदी नेटवर्क को पुनर्जीवित करने व बहाल करने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

Read in English: A call to clean up ponds, streams and canal system

कभी एक संपन्न नदी गंतव्य रहा आगरा, यमुना नदी के किनारे अंतर्देशीय व्यापार और सार्वजनिक परिवहन का समृद्ध इतिहास समेटे हुए है। हालांकि, वर्षों से शहर के जलमार्गों को उपेक्षा, प्रदूषण और अतिक्रमण का सामना करना पड़ा है। यमुना और उसकी छह सहायक नदियों की सफाई, नहर प्रणाली को पुनर्जीवित करने और पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करके आगरा के विरासत मूल्य को पुनः प्राप्त करने का समय अब आ गया है।

कभी आगरा की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा यमुना नदी, अब प्रदूषण, सीवेज और औद्योगिक कचरे से जूझ रही है। फतेहपुर सीकरी नहर, आगरा शाखा (रजवाहा), टर्मिनल शाखा और सिकंदरा शाखा सहित शहर की सिंचाई नहरें निष्क्रिय पड़ी हुई हैं और जीर्णोद्धार की प्रतीक्षा कर रही हैं। सर्किट हाउस के तालाबों को पानी देने वाली और ताजमहल परिसर में हरियाली को सींचने वाली छोटी-छोटी नलियां अब खत्म हो चुकी हैं। उन पर पूरी तरह से अतिक्रमण हो चुका है। भगवान टॉकीज चौराहे से जज कंपाउंड के रास्ते पालीवाल पार्क तक पानी लाने वाली नहर प्रणाली गायब हो चुकी है। दो बड़े नाले, मंटोला नाला और भैरों नाला, कभी छोटी नदियां होती थीं। इनका इस्तेमाल दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में माल ढोने के लिए किया जाता था।

नहर प्रणाली को पुनर्जीवित करने से आगरा का परिदृश्य बदल सकता है। इससे नौवहन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पारिस्थितिकी संतुलन बहाल हो सकता है। कल्पना कीजिए कि यमुना के किनारे नाव की सवारी द्वारा ताजमहल और एत्माउद्दौला जैसी विरासत स्थलों की सैर करना कितना अद्भुत रहेगा। इससे न केवल शहर का आकर्षण बढ़ेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

नहरों के पुनरुद्धार से भूजल रिचार्ज होगा। इससे निवासियों के लिए बेहतर जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। बहाल किए गए जलमार्ग जलीय जीवन को आकर्षित करेंगे और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करेंगे। यमुना और उसकी सहायक नदियों की सफाई से स्वास्थ्य जोखिम कम होंगे और स्वच्छ वातावरण बनेगा। हालांकि, चुनौतियों का समाधान भी करना होगा। नहर की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया गया है, जिसे खाली कराने के लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप की ज़रूरत है।

इन बाधाओं को दूर करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की ज़रूरत है। राज्य सरकार को स्थानीय अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक समूहों को पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन पहल और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए शामिल करना चाहिए।

हजारों तालाब से समृद्ध आगरा की खोई जल विरासत को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। यमुना और उसकी सहायक नदियों को बहाल करके हम इतिहास को संरक्षित, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं, पारिस्थितिक संतुलन व पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।

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