अयोध्या की आध्यात्मिक यात्रा ने आधुनिकता के साथ भरी उड़ान


अयोध्या में जिस तेजी से भव्य मंदिर आकार ले रहा है, उसी तरह अयोध्या को दूसरे स्थानों से जोड़ने के लिए भी व्यापक योजना बनाई गई है। इससे प्राचीन शहर का पूरी तरह कायाकल्प हो चुका है।

इस क्रमिक विकास में सबसे आगे है अयोध्या का नए सिरे से तैयार किया गया रेलवे स्टेशन। इसका नाम अब बदलकर ‘अयोध्या धाम’ रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। करीब 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, यह रेलवे स्टेशन अचंभित कर देने वाली तीन मंजिला लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा और पूजा की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें, आधुनिक सुविधा के साथ आध्यात्मिकता व आधुनिकता का मिश्रण है। उपयोगी और व्‍यावहारिक होने के अलावा, यह क्लॉकरूम, चाइल्ड केयर रूम और वेटिंग हॉल जैसी सुविधाओं के साथ संपन्न है।

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अयोध्या में, हाल ही में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ के अलावा अयोध्या - आनंद विहार टर्मिनल से वंदे भारत एक्सप्रेस की भी शुरुआत की गई।

पिछले माह दिसम्‍बर में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया। करीब 1450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, पहले चरण में 6500 वर्ग मीटर में फैले इस अत्याधुनिक टर्मिनल की शुरुआत की गई है। यह सालाना 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है। यह टर्मिनल नवनिर्मित श्री राम मंदिर को प्रतिबिंबित करता है, इसके अग्रभाग पर मंदिर-प्रेरित वास्तुकला है, जबकि इसके अंदरूनी हिस्से में स्थानीय कला और भित्ति चित्र शहर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

दूसरे चरण में, हवाई अड्डे का लक्ष्य सालाना 60 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करना है। बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देकर पर्यटन को प्रोत्साहित करने, व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए यह पूरी तरह तैयार है।

अयोध्या का कायाकल्प केवल परिवहन बुनियादी ढांचे तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका विस्तार अयोध्या के समग्र विकास तक है। बीते दिनों में चार नई पुनर्विकसित, चौड़ी और सुंदर सड़कें - रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्री राम जन्मभूमि पथ का उद्घाटन हुआ है। इससे यहां तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की पहुंच बेतहाशा बढ़ गई।

अयोध्या के बुनियादी ढांचे का पुनर्विकास और पर्यटन क्षेत्र में निवेश शहर के परिवर्तन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदर्शित करता है। कनेक्टिविटी में सुधार, आगंतुक अनुभव को बढ़ाने और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करके, अयोध्या तीर्थयात्रा, पर्यटन और आर्थिक समृद्धि का एक संपन्न केन्‍द्र बनने की ओर अग्रसर है।



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