मिलिए..., ‘महिला’ रोबोट अंतरिक्ष यात्री ‘व्योममित्र’ से...


‘महिला’ रोबोट अंतरिक्ष यात्री ‘व्योममित्र’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन. यानी इसरो, के महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान होगी।

मानवरहित ‘व्योममित्र’ मिशन इस वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए निर्धारित है, जबकि एक मानवयुक्त मिशन ‘गगनयान’ अगले वर्ष 2025 में प्रक्षेपित किया जाना है।

Read in English: Know all about 'woman' robot astronaut ‘Vyommitra’

‘व्योममित्र’ नाम संस्कृत के दो शब्दों ‘व्योम’ यानी अंतरिक्ष और ‘मित्र’ से मिलकर बना है। यह ‘महिला’ रोबोट अंतरिक्ष यात्री मॉड्यूल के मानकों की निगरानी करने, चेतावनी जारी करने और जीवन रक्षक कार्यों को निष्पादित करने की क्षमता से युक्त है। यह छह पैनलों को संचालित करने और प्रश्नों का उत्तर देने जैसे कार्य कर सकता है।

‘व्योममित्र’ को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे कि अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण किया जा सके और इसका लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ तारतम्य बैठाया जा सके।

यह उल्लेख करना उचित होगा कि भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण की तैयारी के रूप में, पहली परीक्षण वाहन उड़ान टीवी डी 1 पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को पूरी कर ली गई थी। इसका उद्देश्य चालक दल की  आपातकालीन स्थिति में बचाव प्रणाली और पैराशूट प्रणाली को योग्य बनाना था। प्रक्षेपण यान की मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रणोदन चरण उपयुक्त पाए गए हैं और सभी तैयारियां हो चुकी हैं।

‘गगनयान’ परियोजना में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर और फिर इन मानव अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष क्षमताओं के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है।



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