भारतीय संपन्न विरासत की बानगी है हुनर हाट

भारतीय संपन्न विरासत की बानगी है हुनर हाटवर्ष 1995 में दिल्ली के व्यापार मेले में अपनी शिल्पकारी का प्रदर्शन करने आई नसीम बानो नौसिखिया और अनुभवहीन थी। इस बार अपने दो दशक के अनुभव और एक राष्ट्रीय पुरस्कार से लैस नसीम बानो के पास, देशभर के अल्पसंख्यक समुदाय के दस्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में पहली बार आयोजित हुनर हाट में, प्रदर्शित करने के लिए अनेक प्रकार की चिकनकारी थी। वह शानदार चिकनकारी के साथ नई नवेली डिज़ाइनों और रंगों के मिश्रण वाले कुर्ते और अन्य कपड़े अपने साथ लाई थी। आशावान दिखने वाली नसीम बानो ने बताया, "मैंने इसमें अपनी सारी बचत लगा दी है और आशा है कि अपने निवेश पर मैं अच्छा खासा कमा पाऊंगी।" नसीम लखनऊ में अपने मोहल्ले के पास निर्धन लड़कियों और महिलाओं को यह कला सिखा भी रही हैं। (Read in English)


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