मानव को अपनेआप में पूर्ण और सक्षम प्राणी माना जाता है होता है लेकिन जीवन के किसी न किसी मोड़ पर उसे दूसरों की भी जरूरत पड़ती ही है। अपने अपनों का साथ मनुष्य को सहारा, प्यार और जीने का मकसद देता है। कुछ रिश्ते जीवनभर साथ रहते हैं, और कुछ केवल तभी तक जब तक उनका उद्देश्य पूरा न हो जाए।
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