हमारे खून में लाल व श्वेत रक्त कणिकाएं और पीला द्रव पदार्थ मौजूद होता है। इस पीले तरल पदार्थ को ही हम प्लाज्मा कहते हैं। प्लाज्मा में 92 फीसदी भाग पानी, प्रोटीन, ग्लूकोस मिनरल, हॉर्मोन्स और कार्बन डाइऑक्साइड होता है। प्लाज्मा थैरपी की बात करें तो जब एक पैथोजन जैसे कोरोना वायरस हमें संक्रमित करता है तो हमारा इम्यून सिस्टम एंटीबॉडीज का उत्पादन करता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की तरह ही यह थैरेपी ठीक हो चुके व्यक्ति से एंटीबॉडी को इकट्ठा करती है और बीमार व्यक्ति में समावेशित कर देती है। कोरोना से ठीक हुए किसी व्यक्ति का प्लाज्मा जब संक्रमित व्यक्ति में जाता है तो यही एंटीबॉडीज उससे लड़ने में मदद करती हैं। पूरा आलेख पढ़ने के लिए अभी "सब्सक्राइब करें", महज एक रुपये में, अगले पूरे 24 घंटों के लिए...
Related Items
नाला बन गई है यमुना, पानी हुआ जहरीला...!
इस चमत्कारी मंदिर में भक्तों का इलाज करते हैं हनुमान…!
कैंसर के इलाज में सहायक हो सकते हैं नए चुंबकीय नैनोकण