साल 2050 तक विश्व की आबादी लगभग 9.5 अरब हो जाएगी। इसका स्पष्ट मतलब है कि हमें दो अरब अतिरिक्त लोगों के लिए 70 प्रतिशत ज्यादा खाना पैदा करना होगा। इसलिए, खाद्य और कृषि प्रणाली को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाना होगा और ज्यादा लचीला, उपजाऊ व टिकाऊ बनाने की जरूरत होगी। इसके लिए प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल करना होगा और खेती के बाद होने वाले नुकसान में कमी के साथ ही फसल की कटाई, भंडारण, पैकेजिंग और ढुलाई व विपणन की प्रक्रियाओं के साथ ही जरूरी बुनियादी ढांचा सुविधाओं में सुधार करना होगा। (Read in English)
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