मुजफ्फरपुर : एलएस कॉलेज में गुरुवार को ‘गंगा बेसीन : संरक्षण एवं चुनौतियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
Read Moreमुजफ्फरपुर : एलएस कॉलेज में गुरुवार को ‘गंगा बेसीन : संरक्षण एवं चुनौतियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
Read Moreआगरा : लघु फिल्म ‘यमुना का दर्द’ का लोकार्पण गोवर्धन होटल में ब्रज मंडल हेरिटेज कंजर्वेशन सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया। तीस मिनट की इस लघु फिल्म में एक पौराणिक कहानी के जरिए प्रदूषण की समस्या को नाटकीय अंदाज़ से चित्रित किया गया है।
Read Moreबेसिक देशों यानी ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन के मंत्रियों की 18वीं बैठक हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुई। आगामी 23 सितम्बर को होने जा रहे सयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले आयोजित की गयी इस बैठक में चार देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने हिस्सा लिया। जलवायु सम्मेलन का आयोजन न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बानकी मून द्वारा किया जाएगा। सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन संबंधी वार्ता, जो दिसम्बर में पेरू की राजधानी लीमा में आयोजित की जानी है, के लिए राजनीतिक माहौल तैयार करना है।
Read Moreनई दिल्ली : विज्ञान और प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, आणविक ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र प्रसाद ने कहा कि 13 जुलाई से शुरू पिछले एक सप्ताह के दौरान और पिछले रविवार और इस रविवार के बीच मानसून में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और देशभर में मानसून में 11 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
Read Moreठीक एक साल पहले आज ही का दिन उत्तराखंड के लिए किसी काले दिन से कम नहीं था। उत्तराखंड में आई भीषण दैवीय अपदा ने उत्तराखंड के दिल में ऐसा जख्म दिया कि आज एक साल हो जाने के बाद भी उस जख्म के घाव हरे हैं। उस दौरान 'देवभूमि' कही जाने वाली उत्तराखंड की जमीन में किसी भी देव के पदचिह्न नहीं बल्कि लाशों का अंबार दिखाई दे रहा था।
Read Moreयह कहा जाता है 'किसी व्यक्ति का अपनी धरोहर से संबंध उसी प्रकार का है, जैसे एक बच्चे का अपनी मां से संबंध होता है। हमारी धरोहर हमारा गौरव है और इसे भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाना तथा इसका संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए(एफ) में स्पष्ट कहा गया है कि अपनी समग्र संस्कृति की समृद्ध धरोहर का सम्मान करना और इसे संरक्षित रखना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है।
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