स्वास्थ्य

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पिछले साल 25 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी विशेष पहल के तहत सभी को टीका से वंचित और आंशिक रूप से टीका लगे बच्चों के लिए सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम के तहत मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम को शुरू किया। साल 2020 तक इसे संचालित कर स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने का लक्ष्य तय किया गया है। (Read in English: Aiming To Expand Full Immunization Coverage…)

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मैं आम तौर पर योग के लाभों के बारे में बात नहीं करता क्योंकि मैं समझता हूं कि योग के सभी महान लाभ उसकी प्रतिक्रिया हैं। शुरू में लोग योग की तरफ इसलिए आकर्षित होते हैं क्योंकि उससे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं और तनाव से मुक्ति मिलती है निश्चित रूप से शारीरिक और मानसिक लाभ हैं- लोग शारीरिक और मानसिक बदलाव का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे कई लोग है जिन्हें अपने पुराने रोगों से चामत्कारिक रुप से मुक्ति मिली है। शान्ति, प्रसन्नता और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से योग से निश्चित रूप से कई लाभ हैं लेकिन योग की यह विशेष प्रकृति नहीं है। योग के बारे में असली चीज यह है कि यह आपको जीवन का बड़ा अनुभव देता है और एक व्यक्ति होने के अपेक्षाकृत आप एक सार्वभौमिक प्रक्रिया के अंग बन जाते हैं। आप देखेंगे कि इससे अनोखे परिणाम आपको प्राप्त होंगे।

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टीकाकरण बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक कारगर हथियार साबित हुआ है। दुनिया के सभी देशों में चुनिंदा टीकाकरण कार्यक्रमों के जरिये उच्च जोखिम वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 

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अंग दान और अंग प्रत्यारोपण हर साल हजारों लोगों को नई जिंदगी देता है। अमीरों और गरीबों की बीच बढ़ती खाई, मानव अंगों की मांग और तकनीक की उपलब्धता ने अंगों के व्यापार को कुछ लोगों के लिए धन कमाने का साधन बना दिया है तो कुछ के लिए राहत की राह भी तैयार कर दी है। लेकिन, अमूमन अंगों का व्यापार गरीबी में फंसे लोगों के शोषण का जरिया बन जाता है। पैसों की तत्काल जरूरत पूरी करने के लिए वे अंग बेचने को मजबूर हो जाते हैं। (Read in English: Organ Donation And Transplantation Provides Second Life)

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हाल ही में, मेरे एक चिकित्‍सक मित्र की पत्‍नी की खांसी के साथ खून आने से आकस्‍मिक मृत्‍यु हो गई। इस प्रतिभाशाली प्रौढ़ महिला ने करीब 15 साल पहले फेफड़ों की टीबी अथवा तपेदिक रोग का उचित निगरानी में पूरा इलाज कराया था और वह सामान्‍य जिंदगी बिता रही थी। बिना किसी पूर्व चेतावनी के उनके साथ अचानक ये त्रासद घटना हुई। ये कोई अपने किस्‍म की अकेली घटना नहीं है, क्‍योंकि तपेदिक मौत का सबसे बड़ा कारण रहा है और यह कई वर्षों तक शांत रहने के बाद भी अचानक घातकवार कर सकता है। 

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हर वर्ष मार्च माह में ग्लूकोमा के संबध में जागरूकता बढाने के लिए विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जाता है। ग्लूकोमा बड़े स्तर पर नजर न आने वाली बीमारी है, लेकिन यह अपरिवर्तनीय नेत्रहीनता का एक बड़ा कारण है, जो कि अंतर नेत्र दबाव में बढ़ोत्तरी के कारण आंख के ऑप्टिक तंत्रिका में पहुंचे नुकसान के कारण होता है। बिना उपचार के ग्लूकोमा कुछ ही वर्षों में पूर्ण नेत्रहीनता का कारण बन सकता है। (Read in English: Regular Eye Check Up And Treatment Can Save Vision)

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