नए वक्फ कानून से वंचितों को मिलेंगे नए अवसर


'वक्फ' की अवधारणा इस्लामी कानूनों और परंपराओं में निहित है। यह एक मुस्लिम द्वारा मस्जिद, स्कूल, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक संस्थानों के निर्माण जैसे धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों के लिए किए गए दान को संदर्भित करता है।

वक्फ की एक और परिभाषित विशेषता यह है कि यह अविभाज्य है। इसका अर्थ है कि इसे बेचा, उपहार या विरासत में नहीं दिया जा सकता तथा उस पर कोई बोझ नहीं डाला जा सकता है। एक बार वक्फ के रूप में नामित होने के बाद, स्वामित्व वाकिफ करने वाले व्यक्ति से अल्लाह को हस्तांतरित हो जाता है, जिससे यह अपरिवर्तनीय हो जाता है। चूंकि, अल्लाह हमेशा के लिए है, इसलिए 'वक्फ संपत्ति' भी हमेशा के लिए है।

Read in English: New Waqf law provides new opportunities for deprived

वक्फ (संशोधन) विधेयक के जरिये अब वक्फ संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी, वक्फ भूमि अभिलेखों का अधूरा सर्वेक्षण व म्यूटेशन, महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों के लिए अपर्याप्त प्रावधान, अतिक्रमण सहित बड़ी संख्या में लंबे समय से चल रहे मुकदमे, किसी भी संपत्ति को अपनी जांच के आधार पर वक्फ की संपत्ति घोषित करने की वक्फ बोर्डों की अतार्किक शक्ति, सरकारी भूमि को वक्फ घोषित करने से जुड़े कई विवाद, वक्फ संपत्तियों के उचित लेखा-जोखा व लेखा-परीक्षण का अभाव, वक्फ प्रबंधन में प्रशासनिक अक्षमता, ट्रस्ट संपत्तियों के साथ अनुचित व्यवहार तथा केंद्रीय वक्फ परिषद व राज्य वक्फ बोर्डों में हितधारकों का कम प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों का समाधान किया जा सकेगा।

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य विरासत स्थलों और व्यक्तिगत संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा करते हुए वक्फ संपत्ति प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है। विभिन्न राज्यों में वक्फ संपत्ति के दावों को लेकर कई विवाद देखे गए हैं। इससे कानूनी लड़ाई और सामुदायिक चिंताएं पैदा हुई हैं। सितंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, 25 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों में कुल 5973 सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।

विधेयक में स्व-सहायता समूहों और वित्तीय स्वतंत्रता कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर मुस्लिम महिलाओं, विशेष रूप से विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार करने का भी प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त, विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के लाभ हेतु भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वक्फ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, पारिवारिक विवादों व उत्तराधिकार अधिकारों के लिए कानूनी सहायता केंद्रों की स्थापना तथा सांस्कृतिक संरक्षण व अंतर-धार्मिक संवाद को मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है।

वक्फ धार्मिक, धर्मार्थ और सामाजिक कल्याण की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर वंचितों के लिए। हालांकि, कुप्रबंधन, अतिक्रमण और पारदर्शिता की कमी के कारण इसका प्रभाव अक्सर कम हो जाता है। इसके लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल वक्फ संपत्तियों की पहचान करेगा, जिससे बेहतर निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित होगा। ऑडिटिंग और अकाउंटिंग उपायों से वित्तीय कुप्रबंधन को रोका जा सकेगा और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि फंड का इस्तेमाल केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए किया जाए।

वक्फ भूमि के दुरुपयोग और अवैध कब्जे को रोकने से वक्फ बोर्डों के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे उन्हें कल्याणकारी कार्यक्रमों का विस्तार करने में मदद मिलेगी। साथ ही, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और आजीविका सहायता के लिए धन आवंटित किया जाएगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। नियमित ऑडिट और निरीक्षण, वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देंगे और वक्फ प्रबंधन में जनता का विश्वास मजबूत करेंगे।

कुल मिलाकर, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 वक्फ प्रशासन के लिए एक धर्मनिरपेक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था तय करता है। वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की भूमिका धार्मिक नहीं बल्कि नियामक है, जो कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करती है और सार्वजनिक हितों की रक्षा करती है। यह विधेयक हितधारकों को सशक्त बनाकर और शासन में सुधार करके देश में वक्फ प्रशासन के लिए एक प्रगतिशील और निष्पक्ष ढांचा तैयार करता है।



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