पुत्रशोक के बावजूद जब समय पर सभा में पहुंचे सुरेन्द्रनाथ बनर्जी


प्रख्यात राजनेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुरेन्द्रनाथ बनर्जी के जीवन की यह एक अहम घटना है।

एक दिन शाम के समय तत्कालीन कलकत्ता में एक बड़ी राजनीतिक सभा होने वाली थी। बनर्जी इस सभा में मुख्य वक्ता थे। उसी दिन प्रात: उनके पुत्र का दु:खद निधन हो गया। आयोजकों सहित सभी लोग सोच रहे थे कि पुत्र शोक में विह्वल बनर्जी संभवत: सभा में नहीं आ पाएंगे।

परंतु, लोगों के आश्चर्य का तब कोई ठिकाना न रहा जब वह उस सायंकालीन सभा में ठीक समय पर आ उपस्थित हुए। न केवल वह उपस्थित हुए, बल्कि उन्होंने उस सभा को इस अंदाज में संबोधित किया जैसे कुछ हुआ ही न हो। सभा को संबोधित करने के बाद वह ठीक वैसे ही घर लौट भी गए।

स्थितप्रज्ञता के इस उदाहरण को पूरी दुनिया में बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है।



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