ग्रेटर नोएडा । बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन ने अपने टेस्ट करिअर का धमाकेदार आगाज किया था। धवन ने मार्च 2013 में मोहाली मेें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही टेस्ट में तूफानी 187 रन ठोके थे। हालांकि इसके बाद अनफिट होने की वजह से उन्हें कुछ समय टीम से बाहर रहना पड़ा था। वे बाद में वापसी करने में सफल रहे थे लेकिन इन दिनों आउट ऑफ फॉर्म हैं। इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 सितंबर से कानपुर में शुरू होने जा रही तीन मैच की टेस्ट सीरीज के लिए 30 वर्षीय धवन पर भरोसा जताया है। हालांकि धवन के लिए अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान नहीं रहेगी। धवन को लोकेश राहुल और मुरली विजय से कड़ी चुनौती मिलेगी। वैसे धवन इस प्रतिस्पर्धा को भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा मानते हैं। उन्हें इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आता। बुधवार को दिलीप ट्रॉफी के फाइनल के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गब्बर के नाम से लोकप्रिय धवन ने कहा कि मैं यह बात जानता हूं कि पारी की शुरुआत करने वाले दो स्थानों के लिए तीन खिलाड़ी हो सकते हैं बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद है। भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए और आम तौर पर खेल में खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना अच्छा है।
राहुल ने हालिया समय में सिर्फ टेस्ट मैचों में ही नहीं बल्कि टी20 क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। धवन ने कहा कि अंतिम एकादश से बाहर रखा जाना हमेशा निराशाजनक होता है लेकिन यह आपकी वापसी के लिए प्रेरणा का भी काम करता है। धवन को पिछले दिनों पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया था। धवन ने कहा कि मैं निश्चित रूप से दुखी होता हूं लेकिन यह प्रेरणा की तरह काम करता है। जब मैं भारतीय टी20 टीम से बाहर हुआ था तो भी मुझे बुरा लगा था लेकिन साथ ही मुझे टीम में अच्छा करने और वापसी करने की प्रेरणा मिली। धवन अब तक 22 टेस्ट में 1446, 74 वनडे में 3078 और 22 टी20 में 416 रन बना चुके हैं।
साभार-khaskhabar.com
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