बिस्मिल्लाह!! दादा रसूल बख्श खान के होंठों से नवजात को देखकर यही शब्द निकला था। ...और उस नन्हे बच्चे का नाम बिस्मिल्ला खान हो गया। बड़ा होने पर बिस्मिल्ला खान ने पिता-दादा-परदादाओं की शहनाई-वादन की कला-परंपरा को आगे बढ़ाया और समूचे देश की आवाज बन गए।
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