विविधा और व्यंग्य

जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी - जल्दी करने की इच्छा होती है, सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है और हमें लगने लगता है कि दिन के चौबीस घंटे भी कम पड़ते हैं उस समय यह बोध कथा "कांच की बरनी और दो कप चाय" हमें याद आती है।

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विश्‍व के सबसे बड़े गणतंत्र में मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए क्‍या कुछ आवश्‍यक है? वास्‍तव में यह एक बेहद कठिन काम है। (Read In English: Ensuring Polling Arrangements Against All Odds…)

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आदि कवि महर्षि वाल्मीकि कहते हैं कि ‘‘श्रीराम गंभीरता में समुद्र के समान तथा ऊंचाई में हिमालय के समान हैं।’’ सही अर्थों में, राम सत्य के विग्रह हैं। राम मर्यादाओं को टूटने नहीं देते। भारतीय स्त्रियां राम जैसा वर चाहती हैं। पिता आदर्श पुत्र चाहते हैं और भाई राम जैसा भाई चाहते हैं।

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देश की उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके तबादले के मामले में दो दशक से भी अधिक पुरानी व्यवस्था फिलहाल पूर्ववत ही जारी रहेगी।

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सैम बहादुर के नाम से लोकप्रिय उन्हें इस नाम से एक गोरखा सैनिक ने पुकारा था, जो उनका कठिन पारसी नाम बोल पाने में असमर्थ था। सैम शब्द का अर्थ निर्भय है और उनका यह नाम आज तक याद है।

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हमारी न्याय प्रणाली का उद्देश्य भारत के लोगों को ऐसी अदालती व्यवस्था देना है जो नि‍ष्पक्ष न्याय देती हो, वि‍वादों का कारगर ढंग से नि‍पटारा करती हो तथा यह सुनि‍श्चित करती हो कि वि‍धि का शासन सभी के अधि‍कारों की रक्षा करेगा। लेकि‍न, मुकदमों के बढ़ते बोझ तथा जटि‍ल अदालती प्रक्रि‍याओं के चलते न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले लंबि‍त हैं।  

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