विविधा और व्यंग्य

कभी गणित और ज्योतिष का केंद्र रहा भारत आज अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर इस विधा में तेजी से पिछड़ रहा है। किसी भी विद्यार्थी से पूछें तो सबसे ज्यादा भयभीत करने वाला विषय गणित ही निकलेगा। अब कोई रामानुजन नहीं बनना चाहता है, जबकि इंजीनियर, डॉक्टर या अकाउंटेंट बनने के लिए गणित का ज्ञान ही पहली सीढ़ी है...

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यदि दैनिक जीवन में बोले जानी वाली गंदी और अपमानजनक भाषा का उपयोग करने की बात करें तो शिक्षा, संस्कृति और सम्पन्नता कोई बंधन नहीं हैं...

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क्या आपने हाल ही में कोई पांच दिन तक चलने वाली ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ में भाग लिया है? अगर नहीं लिया है तो कोई बात नहीं। लेकिन, आपने सोशल मीडिया पर अंबानी की शादी के वीडियो क्लिप जरूर देखे होंगे...

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हजारों वर्ष पूर्व त्रेता युग में भगवान राम अवतरित हुए थे। उन्होंने विश्व के समक्ष एक आदर्श पुत्र की छवि प्रस्तुत की। एक ऐसा पुत्र, जिसने अपने पिता के वचन की मर्यादा की रक्षा के लिए राजगद्दी के सुख और वैभव का त्यागकर 14 वर्ष के लिए अपने अनुज लक्ष्मण एवं पत्नी सीता संग वनवास को चुना...

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नाम बदलने के मौजूदा चलन में, रॉयल कुरूपतिस्तान सरकार ने ‘रॉटनपुर विश्वविद्यालय’ का नाम बदलकर ‘अज्ञानपुर विश्वविद्यालय’ कर दिया है...

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कहीं झाड़ी में, कहीं कूड़ेदान में, कहीं अनाथालय के बाहर लटकी डलियों में, अब बच्चों के चीखने रोने की आवाज कम सुनाई दे रही है। पुरानी फिल्मों में अवैध संतानों के संघर्ष की कहानियां अब रोमांचित नहीं करतीं...

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