हमारे देश में पूरे विश्व की तुलना में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज हैं। दुनियाभर के कुल 27 फीसदी मरीज भारत में ही हैं। सबसे ज्यादा दवा प्रतिरोधक टीबी मरीज भी भारत में ही हैं। अगर मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिलता है तो एक सक्रिय मरीज साल में कम से कम 15 नए लोगों में संक्रमण पैदा कर सकता है जो कि एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है। इसलिए, जरूरी है कि मरीजों की विशेष निगरानी हो और उनके संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई जाए। सरकार द्वारा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी की रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, जरूरत है जमीनी स्तर पर काम करने की, जिससे सरकार के प्रयासों को सफलता में बदला जा सके।
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