चौरासी कोस परिक्रमा के तहत राजस्थान की सीमा में आने वाले इस स्थान से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव विलोंद के निकट एक पर्वत पर भगवान केदारनाथ शेषनाग रूपी एक विशाल श्वेत पत्थर की चट्टान के नीचे छोटी से गुफा में विराजमान हैं।
Read Moreचौरासी कोस परिक्रमा के तहत राजस्थान की सीमा में आने वाले इस स्थान से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गांव विलोंद के निकट एक पर्वत पर भगवान केदारनाथ शेषनाग रूपी एक विशाल श्वेत पत्थर की चट्टान के नीचे छोटी से गुफा में विराजमान हैं।
Read Moreब्रज क्षेत्र में कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई से एक बात तो बिल्कुल साफ हो गई है कि वर्षों से चली आ रही परंपराओं के लिए मनुष्य नहीं बना है, बल्कि मानव व उनके सांस्कृतिक उन्नयन के लिए विभिन्न परंपराओं का विकास किया गया है।
Read Moreसमूचे बृज क्षेत्र में होली के हुड़दंग की धूम मची हुई है। हजारों वर्षों से बृज की धरती पर होली खेली जाती रही है। इतिहास के बादल गुजरते चले गए, संस्कृति और परम्पराओं में बदलाव आता रहा किन्तु बृज के कण-कण में आज भी राधा-कृष्ण का प्रेम व होली जनमानस के मन-मस्तिक पर अमिट छाप लिए बनी हुई है।
Read Moreहोली का त्योहार हो और हंसी-ठिठोली न हो, भला ऐसे कैसे हो सकता है। लेकिन, त्योहार की मस्ती में हमें मर्यादाओं को कतई नहीं भूलना चाहिए। यहां हम आपको चार ऐसी बातें बता रहे हैं जिनका ध्यान आपको होली खेलते समय जरूर रखना चाहिए।
Read Moreभगवान शिव जितने सौम्य और शांत हैं, उतने ही क्रोधी भी हैं। उनका व्यक्तित्व ऐसा है जिसे अगर समझा जाए, तो हम जीवन के सत्य के काफी करीब पहुंच सकते हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर आप शिव की स्तुति करने के साथ आप उनसे काफी कुछ सीखकर प्रेरणा ले सकते हैं...
Read Moreरविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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