धर्म के विस्तार और विविधता की खोज अनावश्यक है। यदि कुछ आवश्यक है तो वह है धर्म के तत्व की खोज, इसकी अनेकता में एकता की खोज तथा इसके परम सार की खोज।
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Read Moreभगवान हमारी मुसीबतों को कई बार बेहद हल्का करके हमें उबार लेता है। लेकिन, हम उसके शुक्रगुजार होने के बजाय उसी पर दोषारोपण करने में लगे रहते है। जबकि, हम वही काट रहे होते हैं जो हमने बोया है। इसी नजरिये को समझाते हुए हम यहां आपको यह कहानी सुना रहे हैं।
Read Moreबात उस समय की है जब भगवान बुद्ध मृत्यु शैया पर पड़े थे। पास में बैठा हुआ उनका शिष्य आनंद उनकी सेवा कर रहा था। तभी, उनका एक दूसरा शिष्य भद्रक वहां रोते हुए आया।
Read Moreअहिंसा जीवन की आधार भूमि है। अहिंसा के अभाव में त्राहि-त्राहि है और अहिंसा के सद्भाव में ही त्राण है। वस्तुत: व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और राष्ट्र इसके अभाव में टिक ही नहीं सकते। इसलिए, सभी धर्मों ने इसे एक स्वर से स्वीकार किया है।
Read Moreधर्म के विस्तार एवं विविधता की खोज अनावश्यक है। यदि कुछ आवश्यक है तो वह है धर्म के तत्व की खोज, इसकी अनेकता में एकता की खोज और इसके परम सार की खोज।
Read Moreप्रदर्शनकारी कलाओं में महिलाओं की पहचान, मुद्दे एवं विवेचन विषय पर पिछले दिनों मुंबई में एक दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का आयोजन मणिबेन नानावती महिला महाविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं हिंदी विभाग तथा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था।
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