धर्म, कला और संस्कृति

दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के रूप में मनाया जाने वाला महाकुंभ मेला आस्था, संस्कृति और प्राचीन परंपरा का मिश्रण है। हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित यह पवित्र त्योहार बारह वर्षों में चार बार मनाया जाता है, जो भारत के चार प्रतिष्ठित शहरों हरिद्वार, उज्जैन, नासिक एवं प्रयागराज और सबसे पवित्र नदियों, गंगा, शिप्रा, गोदावरी के बीच बारी-बारी से मनाया जाता है। इनमें से प्रत्येक शहर सबसे पवित्र नदियों गंगा, शिप्रा, गोदावरी और गंगा, यमुना एवं पौराणिक सरस्वती के संगम के किनारे स्थित हैं...

Read More

कार्तिक के महीने को बहुत पवित्र माना जाता है। इस माह में ही भगवान विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं और तब सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इसी कार्तिक मास में दीपावली का महापर्व आता है। पुराणों में भी कार्तिक मास की महिमा का वर्णन मिलता है...

Read More

दीपावाली के एक दिन बाद, श्री कृष्ण मंदिरों में 56 से अधिक विभिन्न खाद्य-वस्तुओं के साथ सामुदायिक भोज 'अन्नकूट' कई भक्तों के लिए मुख्य आकर्षण है।

Read More

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के निकट मनाली में मौजूद हिडिंबा देवी मंदिर एक प्राचीन गुफा मंदिर है। यह मंदिर भारतीय महाकाव्य महाभारत के भीम की पत्नी हिडिंबा देवी को समर्पित है। यह मंदिर मनाली का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। इसे ‘डूंगरी मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है...

Read More

अब यह सिद्ध हो चुका है कि भगवान कृष्ण का जन्म 3228 ईसा पूर्व 18 जुलाई को हुआ था। यानी, आज से 5252 वर्ष पहले भगवान कृष्ण ने धरती पर अवतार लिया और वह 3102 ईसा पूर्व 18 फरवरी को अपने निज धाम गमन कर गए थे...

Read More

सर्वविदित है कि इस संसार के रचयिता और पालनहार भगवान श्री कृष्ण ही हैं। श्री कृष्ण नाम एक है, परन्तु रूप अनेक हैं। श्री कृष्ण, यशोदा एवं देवकी के लिए पुत्र, राधा के लिए प्रियतम, गोप-गोपियों, सुदामा और अर्जुन के लिए सखा, कंस के लिए निकन्दन, मीरा के कृष्ण, अपने भक्तों के जनार्दन अथवा पालनहार, दक्षिण भारत में गोविंदा। तात्पर्य यह कि जिस भक्त ने, जिस भाव से उनका भजन किया, वह उसे उसी रूप में, उसे प्राप्त हुए।

Read More



Mediabharti