जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। सभी धर्मों के शास्त्रों में कहा गया है कि बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता है। सनातन धर्म में गुरु की महिमा का बखान अलग-अलग स्वरूपों में किया गया है।
Read Moreजीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। सभी धर्मों के शास्त्रों में कहा गया है कि बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता है। सनातन धर्म में गुरु की महिमा का बखान अलग-अलग स्वरूपों में किया गया है।
Read Moreहिंदू शास्त्रों में पांच ऐसी महिलाओं का उल्लेख है, जिनका विवाह हुआ, लेकिन वे कन्याएं मानी गईं हैं। पौराणिक साहित्य में रावण की पत्नी मंदोदरी, बाली की पत्नी तारा, गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या, पांडु की पत्नी कुंती और पांडवों की पत्नी द्रौपदी को ‘पंचकन्या’ का दर्जा दिया गया है।
Read Moreगायत्री मंत्र का सर्वप्रथम उल्लेख हिंदू धर्म के सबसे पुराने पवित्र ग्रंथों में से एक ऋग्वेद में मिलता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र की उत्पत्ति ऋषि विश्वामित्र द्वारा की गई थी।
Read Moreमाना जाता है कि जीवन जीने की शक्ति और संसार की चुनौतियों का सामना करने का अदम्य साहस देने वाले ॐ के उच्चारण करने मात्र से विभिन्न प्रकार की समस्याओं व व्याधियों का नाश हो जाता है...
Read Moreयदुवंश के राजा शूरसेन के एक पुत्र वसुदेव और एक पुत्री पृथा थे। पृथा को शूरसेन ने अपनी बुआ के संतानहीन पुत्र कुंतीभोज को गोद दे दिया। जहां कुंतीभोज ने इस कन्या का नाम ‘कुंती’ रखा...
Read Moreमध्य प्रदेश के मुरैना जिले में ऐंती ग्राम के निकट शनि पर्वत पर स्थित शनिचरा मंदिर को शनि महाराज की तपोभूमि माना जाता है। शनि पर्वत का उल्लेख त्रेता युग से ही मिलता है...
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