विज्ञान / तकनीक / गैजेट्स

इंडिया एआई मिशन के लिए पांच वर्षों के दौरान में ₹10,300+ करोड़ आवंटित किए गए, जिसमें 38,000 जीपीयू लगाई गईं। प्रौद्योगिकी तथा एआई पारिस्थितिकी तंत्र में छह मिलियन लोग कार्यरत हैं। इस वर्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र का राजस्व 280 बिलियन डॉलर को पार कर जाने का अनुमान है। एआई 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 1.7 ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकता है।

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अप्रैल-जून 2025 तक भारत में 1,002.85 मिलियन इंटरनेट ग्राहक हो चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच प्रति 100 जनसंख्या पर लगभग 46 ग्राहकों तक है, जो डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए उपग्रह इंटरनेट की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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कोलेस्ट्रॉल का उपयोग इलेक्ट्रॉनों के स्पिन को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। यह एक अदृश्य क्वांटम गुण है जो ऊर्जा कुशल अगली पीढ़ी के स्पिन्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास में योगदान दे सकती है...

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क्रेडिट कार्ड के आकार के एक कॉम्पैक्ट सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर पर आधारित एक छोटा डिजिटल रिसीवर सिस्टम अब हमें कॉस्मिक डॉन के रहस्यों को जानने में मदद कर सकता है...

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पूर्वी और दक्षिणी भारत के जंगल-झाड़ियों में पाए जाने वाले चमकदार काले बिच्छू के खतरनाक डंक के रहस्य का पता चल गया है...

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कारों से लेकर गांवों तक विद्युतीकरण की दिशा में तेजी से बढ़ती दुनिया में एक चीज सबसे महत्वपूर्ण बनी हुई है, वह है किफायती, तेज और सुरक्षित बैटरी। हालांकि लिथियम-आयन बैटरी अब तक इस क्रांति को गति देती रही है, लेकिन वे महंगी हैं। इसके अलावा, लिथियम संसाधन अल्प मात्रा में हैं और भू-राजनीतिक रूप से सीमित हैं, लेकिन बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने शायद एक शक्तिशाली विकल्प ढूंढ़ लिया है...

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