अंतरिम बजट की ये बातें आपको जरूर जाननी चाहिए...

वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की ये मुख्‍य बातें आपको जरूर जाननी चाहिए …

  • पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की।
  • पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपये का प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण। इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
  • पीएम-स्‍वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को ऋण सहायता। 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार ऋण प्राप्‍त हुआ।
  • पीएम-जनमन योजना के जरिए विशेष तौर पर कमजोर आदिवासी समूहों के विकास पर जोर।
  • पीएम-विश्‍वकर्मा योजना के तहत 18 व्‍यवसायों से जुड़े कारीगरों एवं शिल्‍पकारों को एंड-टू-एंड मदद।
  • पीएम-किसान सम्‍मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की गई।
  • पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्‍ध कराई गई।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्‍चर मार्किट के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे तीन लाख करोड़ रुपये की खरीद-फरोख्‍त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं उपलब्‍ध।
  • 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
  • उच्‍च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
  • स्‍टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
  • पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।
  • कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्‍य जल्‍द ही हासिल किया जाएगा।
  • अगले पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्‍त मकानों का लक्ष्‍य लिया जाएगा।
  • छत पर सौर प्रणाली लगाना और निशुल्‍क बिजली। छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्‍क बिजली प्राप्‍त कर सकेंगे।
  • हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपये की बचत होने का अनुमान।
  • आयुष्‍मान भारत योजना के तहत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है।
  • प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्‍करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्‍व-सहायता समूहों और 60,000 लोगों को ऋण सुविधा प्राप्‍त करने में मदद मिली है।
  • आर्थिक उन्‍नति रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार।
  • 50 वर्षीय ब्‍याजमुक्‍त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्‍थापित किया जाएगा। इस कोष से दीर्घकालिक वित्‍त पोषण या पुनर्वित्‍तपोषण कम या शून्‍य ब्‍याज दरों पर उपलब्‍ध कराए जाएंगे।
  • रक्षा उद्देश्‍यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्‍मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
  • बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्‍यय के परिव्‍यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्‍पाद का 3.4 प्रतिशत होगी।
  • लॉजिस्टिक्‍स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है।
  • 40,000 सामान्‍य रेल डिब्‍बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।
  • देश में हवाई अड्डों की संख्‍या 149 पर हुई दोगुनी।
  • 517 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्‍य तक पहुंचा रहे हैं।
  • देश की विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों के‍ लिए ऑर्डर दिए।
  • वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्‍थापित की जाएगी।
  • परिवहन के लिए सीएनजी और घरेलू प्रयोजनों के लिए पीएनजी में कम्‍प्रेस्‍ड बायोगैस के चरणबद्ध अधिदेशात्‍मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
  • राज्‍यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्‍द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा।
  • पर्यटन केन्‍द्रों को वहां उपलब्‍ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्‍ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
  • इस प्रकार की गतिविधियों का वित्‍त पोषण करने के लिए राज्‍यों को मैचिंग के आधार पर ब्‍याज मुक्‍त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।
  • वर्ष 2014 से 2023 के दौरान एफडीआई का अंतर्प्रवाह 596 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2005 से 2014 के दौरान हुए एफडीआई अंतर्प्रवाह के मुकाबले दोगुना है।
  • राज्‍य सरकारों द्वारा विभिन्‍न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्‍याजमुक्‍त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्‍ताव।
  • उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपये है।
  • कुल व्‍यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपये है।
  • 30.03 लाख करोड़ रुपये की राजस्‍व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्‍मीद है, जो अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है।
  • वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 5.8 प्रतिशत है।
  • उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपये और 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
  • राज्‍यों के पूंजीगत व्‍यय के लिए 50 वर्षीय ब्‍याजमुक्‍त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी।
  • वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
  • वर्ष 2024-25 के दौरान डेटेड सिक्‍योरिटीज़ के जरिए सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपये और 11.75 लाख करोड़ रुपयो रहने का अनुमान।
  • वित्‍त मंत्री ने प्रत्‍यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्‍ताव किया
  • पिछले 10 साल के दौरान प्रत्‍यक्ष कर संग्रह तिगुना,  रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्‍या 2.4 गुना बढ़ी।
  • वित्‍त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा।
  • वित्‍त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा।
  • सावरेन वेल्‍थ फंड अथवा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश, स्‍टार्टअप के लिए कर लाभ 31 मार्च 2025 तक बढाया गया।
  • आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2024 से 31 मार्च 2025 किया गया।
  • वित्‍त मंत्री ने अप्रत्‍यक्ष करों और आयात शुल्‍कों की वर्तमान दरों को बकरार रखने का प्रस्‍ताव किया।
  • इस साल औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ।
  • खुदरा व्‍यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया गया।
  • पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया।
  • वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई।
  • विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत रखी गई।
  • कर रिटर्न प्रोसेस करने की औसत समय-सीमा 2013-14 के 93 दिन से घटकर दस दिन रह गई।

अंग्रेजी में पढ़ें : Top highlights of the Interim Budget 2024-25

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