धर्म, कला और संस्कृति

दीपावली के पांच पर्वों में से एक गोवर्धन पूजा का ब्रजभूमि में विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन सार्वजनिक स्थानों पर गोबर से बड़े-बड़े गोवर्धन स्वरूप बनाए जाते हैं। साथ ही, यह परम्परा यहां हर घर में भी निभाई जाती है।

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राजस्थान के सींकर जिले में श्री खाटू श्याम मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। श्री खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। मन्दिर में हर वक़्त भक्तों का तांता लगा रहता है। होली से कुछ दिन पहले यहां एक विशाल मेला आयोजित होता है, जिसमें राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के श्रृद्धालु भी बाबा के दर्शन करने आते हैं...

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ब्रजभूमि में कई ऐसी जगहें हैं जो सदियों से लोगों के बीच न केवल आस्था का केंद्र रही हैं बल्कि इनमें से कई स्थानों को चमत्कारी भी माना जाता है। ऐसी ही एक जगह है वृंदावन का निधिवन, जिसके बारे में मान्यता हैं कि यहां हर रात भगवान श्री कृष्ण, गोपियों संग रासलीला करते हैं...

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मां कैलादेवी मंदिर ‘आदि ऊर्जा’ और ‘महायोगिनी माया’ के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित है। स्कंद पुराण के 65वें अध्याय में मां कैलादेवी का विस्तृत विवरण दिया गया है। इस अध्याय में देवी घोषणा करती हैं कि कलयुग में उनका नाम ‘कैला’ होगा और उनके भक्त ‘कैलेश्वरी’ के रूप में उनकी पूजा करेंगे...

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लद्दाख अपनी अनूठी संस्कृति, धार्मिक विरासत और शांतिप्रिय लोगों के साथ एक अलग पहचान रखता है। यहां के कई इलाकों में ग्रामीणों द्वारा पत्थरों पर की जाने वाली नक्काशी की कला लेह की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।

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वृंदावन में यमुना पार स्थित मांट क्षेत्र के ग्राम डांगौली का ‘बेलवन’ लक्ष्मी देवी की तपस्थली है। यहां से यमुना पार मांट की ओर जाने पर, रास्ते में बेलवन मंदिर आता है। यहां लक्ष्मी माता का भव्य सिद्ध मंदिर है।

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