मथुरा के दक्षिण में भगवान शिव श्री रंगेश्वर महादेव के रूप में अवस्थित हैं। माना जाता है कि कंस ने श्री कृष्ण और बलदेव को मारने का षड्यंत्र रचकर इसी तीर्थ स्थान पर एक रंगशाला का निर्माण कराया था...
Read Moreमथुरा के दक्षिण में भगवान शिव श्री रंगेश्वर महादेव के रूप में अवस्थित हैं। माना जाता है कि कंस ने श्री कृष्ण और बलदेव को मारने का षड्यंत्र रचकर इसी तीर्थ स्थान पर एक रंगशाला का निर्माण कराया था...
Read Moreउत्तर प्रदेश में सिद्धार्थनगर जिले के 365 मंदिर व कुओं वाले प्राचीन कस्बा बिस्कोहर की पहचान मिटती जा रही है। उदासीनता और प्रशासनिक उपेक्षा के चलते ये निर्माण अब खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। इसे भारतीय स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने के रूप में देखा जाता है...
Read Moreआगरा में ताजमहल से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में यमुना नदी के किनारे बाबा भोलेनाथ की नगरी तीर्थ बटेश्वर धाम देशभर में प्रसिद्ध है। बाबा बटेश्वर नाथ धाम से सैकड़ों कहानियां जड़ी हुई हैं। ये सभी कहानियां सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग कालखंड की हैं।
Read Moreमथुरा शहर में आदिकाल से चार महादेवों की पूजा का परंपरा चली आ रही है। हालांकि, मथुरा में अब हर गली-मोहल्ले में अनगिनत महादेव मंदिर बन गए हैं, मगर ऐसी मान्यता है कि यहां पूर्व में चार महादेव ही पूजे जाते थे।
Read Moreब्रज क्षेत्र के गोवर्धन स्थित मानसी गंगा के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान श्री कृष्ण के चरणों से उत्पन्न हुई है। श्रीकृष्ण के मन से आविर्भूत होने के कारण ही इसका नाम 'मानसी गंगा' पड़ा।
Read Moreराजस्थान के सिरोही शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर अरावली स्थित नांदिया ग्राम की पवित्र धरती पर रिछी पर्वत की गोद में प्रसिद्ध रिछेश्वर महादेव मंदिर स्थित है।
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