धर्म, कला और संस्कृति

मध्यकालीन युग में मथुरा, वृंदावन व गोकुल के श्री कृष्ण मंदिर भक्ति संगीत और गायन से गूंजते थे। ठाकुरजी तभी दर्शन देते थे जब घंटे दो घंटे गायन न हो जाए। आजकल सिर्फ भीड़, हो-हुल्लड़, कुंज गलियों में डेक पर फूहड़ गाने बजते हैं...

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प्रयागराज महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और शुद्ध पेयजल की व्यापक व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में 233 जल एटीएम स्थापित किए गए हैं, जो 24 घंटे बिना किसी बाधा के कार्यरत हैं...

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महाकुंभ में अखाड़े लंबे समय से सनातन धर्म की विभिन्न परंपराओं और संप्रदायों का प्रतिनिधित्व करते हुए इस आयोजन का केंद्र रहे हैं। 'अखाड़ा' शब्द 'अखंड' से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘अविभाज्य’...

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महाकुंभ उत्सव भारत की भव्यता और आध्यात्मिक जीवंतता का प्रमाण है। इस बार महाकुंभ समागम में कुल 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है...

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प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए आयुष ओपीडी, क्लीनिक, स्टॉल और सत्र प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनकर उभर रहे हैं। इन स्टॉलों पर 1.21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आयुष सेवाओं का लाभ उठाया है...

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तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे दिव्य-भव्य महाकुंभ के दौरान 76वें गणतंत्र दिवस का विशेष आयोजन हुआ। आस्था और भक्ति के इस अद्वितीय महापर्व में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम में डुबकी लगाने पहुंची..

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