'महामृत्युंजय मंत्र' को मृत्यु टालने वाला मंत्र बताया गया है। इसकी रचना के पीछे भी एक रोचक कहानी है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मृकण्डु हमेशा शिव की भक्ति में लीन रहते थे।
Read More'महामृत्युंजय मंत्र' को मृत्यु टालने वाला मंत्र बताया गया है। इसकी रचना के पीछे भी एक रोचक कहानी है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मृकण्डु हमेशा शिव की भक्ति में लीन रहते थे।
Read Moreकृष्ण और राम के जीवन चरित्र का यदि हम गहनता से अध्ययन करें तो हमारे सामने इन दोनों दैवीय शक्तियों के मानव रूप में अवतरित होने के पृथक उद्देश्यों तथा उनमें निहित गहरे रहस्यों का अनावरण होता है।
Read Moreधर्म के प्रति आस्था एक बात है लेकिन धर्मांधता और उस पर भी धर्मांधता की अतिशयता बिल्कुल अलग बात है। कोई भी प्रेरणा हासिल करने के लिए आस्था जरूरी हो सकती है, लेकिन धर्मांधता की अतिशयता का व्यक्तित्व पर हावी होना बहुत घातक सिद्ध हो सकता है।
Read Moreराजस्थान के दौसा जनपद में करीब एक हजार साल पुराना पपलाज माता का मंदिर है। यहां स्थापित माता की मूर्ति को एक चमत्कारी मूर्ति माना जाता है। यह स्थान जिला मुख्यालय से 35 किमी और उपखंड क्षेत्र लालसोट से 15 किमी की दूरी पर घाटा में स्थित है।
Read Moreसनातनी परंपरा में ‘चिरंजीवी’ उसे कहा जाता है जो अमर हो अर्थात जिसका कोई अंत न हो। वैदिक परंपरा में ऐसे आठ चिरंजीवियों का उल्लेख आता है। ये आठों व्यक्तित्व किसी न किसी वचन, नियम या शाप से बंधे, दिव्य शक्तियों से संपन्न हैं। योग में जिन अष्ट सिद्धियों की बात कही गई है, वे सारी शक्तियां इनमें विद्यमान है। जो लोग परामनोविज्ञान को जानते और समझते हैं, वे इन पर विश्वास करते हैं।
Read Moreब्रज में एक लोकोक्ति बहुत प्रसिद्ध है – “हलुआ में हरि बसत हैं, घेबर में घनश्याम। मक्खन में मोहन बसैं, रबड़ी में श्री राम।। यहां बात हो रही है भगवान की खान-पान से संबंधित रुचियों की। और, यदि भगवान के खान-पान की बात चले तो सबसे पहले याद आता है ‘छप्पन भोग’...
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