होली के सात दिन बाद बसौड़ा त्योहार मनाया जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और कुत्ते को खाना खिलाकर पूजा जाता है...
Read Moreहोली के सात दिन बाद बसौड़ा त्योहार मनाया जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और कुत्ते को खाना खिलाकर पूजा जाता है...
Read Moreहोली का त्योहार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यहां हम आपको इस दिन की संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं...
Read Moreभगवान श्रीकृष्ण कभी एक ‘गुरु’ की भूमिका में नजर आते हैं, कभी ‘सखा’, कभी एक भाई और कभी युद्ध में मैदान रण छोड़ने वाला ‘रणछोड़’ के रूप में। भगवान के इसी रूप को समर्पित गुजरात के खेड़ा जिले स्थित डाकोर धाम में एक कृष्ण मंदिर है जिसे ‘रणछोड़दास का मंदिर’ कहा जाता है...
Read Moreहोली के त्योहार को महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में होली का जिक्र हो और बात कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की न हो, फिर तो होली का रंग ही फीका है। होली के असली रंग तो नंदलाल की नगरी मथुरा में ही हैं...
Read Moreहोली आई खुशियां लाई..., जी हां, होली जब भी आती है, पूरे देश में एक अलग सी खुमारी छा जाती है। हर कोई एक अलग अंदाज में होली की मस्ती में सराबोर नजर आता है। कोई फूलों से होली खेलता है, तो कोई ढोल नगाड़ों की धुन पर नाच-गाकर रंगों के त्योहार में खो जाता है। कोई भांग की मस्ती में झूमकर, तो कोई रंग-बिरंगे लाल-गुलाबी रंगों से इस पावन त्योहार को मनाता है। सभी के तौर तरीके भले ही अलग हो, लेकिन मकसद सिर्फ एक ही होता है, कि कैसे होली के बहाने अपनों को और करीब लाया जाए और सबके जीवन को खुशियों से हरा-भरा बनाया जाए...
Read Moreअबीर-गुलाल, संगीत और नृत्य से भरपूर पारम्परिक लोकोत्सव होली का असली आनंद तो ब्रज में ही मिलता है। कृष्ण नगरी के मंदिरों में एक माह से भी अधिक समय तक चलने वाले इस उत्सव में ठाकुरजी अपने भक्तों के साथ नित्य होली खेलते हैं...
Read More