धर्म, कला और संस्कृति

यमुना व यमराज भाई-बहन हैं और इसीलिए यमपाश से मुक्ति के लिए भाई व बहन द्वारा यमुना नदी में एकसाथ स्नान करने का विधान हैं। माना जाता है कि कार्तिक द्वितीया यानी भैया दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के भय से छुटकारा प्राप्त होता है।

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भगवान श्रीकृष्ण को जानने के लिए राजनीति, धर्म, दर्शन, योग व प्रेम के विभिन्न मार्गों के अलावा वास्तुशिल्प भी एक पक्ष है, जिसके बिना उनसे पूरा परिचय सम्भव ही नहीं है...

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भगवान कृष्ण के जन्म के विषय में प्रचलित कथा से तो हम सब भली भांति परिचित हैं। लेकिन, हम में से बहुत लोग यह नहीं जानते कि उनकी मृत्यु आखिर किस प्रकार और कहां हुई थी...

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वृंदावन स्थित कात्यायनी देवी मंदिर का नाम प्राचीन सिद्धपीठ के अंतर्गत आता है। यह मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है...

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नवरात्रि के दिनों में कन्हैया की नगरी मथुरा देवी नगरी बन जाती है। यहां के कई देवी मंदिरों में देर रात तक पूजा-अर्चना के कार्यक्रम चलते रहते हैं।

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प्राय: कुछ लोग यह शंका करते हैं कि श्राद्ध में समर्पित की गईं वस्तुएं पितरों तक कैसे पहुंचती हैं? कर्मों की भिन्नता के कारण मरने के बाद गतियां भी भिन्न-भिन्न होती हैं–कोई देवता, कोई पितर, कोई प्रेत, कोई हाथी, कोई चींटी, कोई वृक्ष और कोई तृण बन जाता है। तब मन में यह शंका होती है कि छोटे से पिण्ड से अलग-अलग योनियों में पितरों को तृप्ति कैसे मिलती है? इस शंका का स्कन्दपुराण में बहुत सुन्दर समाधान मिलता है...

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